July 8, 2010

My Promise, I will be back But ….(मैं जरूर आऊंगा)




तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया तुमने मेरी जिंदगी बदल दी! तुमने जाने–अनजाने में मेरी जिंदगी को एक मतलब दे दिया! अबतक तो में अपनी राहों पे अकेले तुम्हारे सपने सजाये आगे बढ़ रहा था, पर अब तो तेरी राख मुट्ठी में दबाए, जीने के लिए मतलब ढूंढ रहा हूँ! शायद, मैंने तुम्हे जला दिया, मर चुकी हो तुम मेरे लिए!         

पर, तुमने मुझे नई जिंदगी दी है! तुमने सिखा दिया यहाँ कोई अपना नहीं है, यहाँ किसी पर भरोसा करना तो दूर उससे बात करना भी एक अपराध है!  तुमने तो मेरे लिए “दोस्ती” के मायने ही बदल दिए, मुझे समझ नहीं आ रहा कि “आखिर दोस्त होते कौन है?”  आज एक बार फिर मुझे दोस्ती के सही मायने ढूंढने पड़ेंगे, ये बहुत जरूरी है, क्यूंकि मैं फिर से किसी को अपनी जिंदगी के साथ इस तरह खेलने की इजाजत नहीं दे सकता!

तुम आज भी इतना कुछ होने के बाद दूर खड़ी मुस्कुरा रही हो, कहीं ये मेरा भ्रम तो नहीं ! मैं समझ नहीं पा रहा कि, क्या तुम वही हो, जिसने मुझे अपना सहारा दिया, हर मुश्किल में जब मुझे जरूरत होती थी, उससे पहले तुने मेरा हाथ थामा और आगे बढ़कर मुशिबतों से टकराना और जिंदगी जीना सिखाया! क्या तुम वही हो ? जिसने मेरे आँख से निकले हर आंशु कि कीमत समझाई, और आज उन  आंशुओ की वजह भी ! मेरे दूर जाने के डर से भी कांप उठाने वाली, आज तुमने ही मुझे अपनी जिंदगी से निकाल फेंका! क्या मैं तेरे लिए इतना बुरा हो गया कि, आज जब मुझे तेरी सबसे जयादा जरूरत थी, तभी तुमने भी अपने हिस्से की खुशी मांग ली! न चाहते हुए भी मुझे “अपने आप” से अलग होना पड़ा! मैं रोया, चिल्लाया, तुझसे अपनी जिंदगी की भीख मांगी पर सब कुछ तुमने ठुकरा दिया, शायद मुझे मालूम है तुमने ऐसा क्यूँ किया, क्यूंकि तुम आज भी इतना कुछ होने के बाद दूर खड़ी मुस्कुरा रही हो ! 

मैं ये नहीं कहता की तुम मतलबी हो गयी हो ! नहीं, तुम तो ऐसी ही थी ! मेरी गलती शायद यही रही कि, मैंने तुम्हे बदलने की नहीं, जैसी थी वैसी ही पाने की कोशिश की, और शायद मेरी भूल का यही अंजाम मुझे ही भुगतना पड़ेगा! मैं ईश्वर का धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मुझे ऐसा बनाया की मैं सिर्फ, तेरी अच्छाई ही देख सकता हूँ, मैं तो तेरा दूसरा और छिपा हुआ रूप तो देखना भी नहीं चाहता ! मैं खुश हूँ कि भगवान ने मुझे ऐसा बनाया ! मैंने भरसक ये कोशिश कि थी की, तुझे उसी तरह पा सकूँ जिस तरह तुम्हे चाहा था, पर शायद तू आसमान में चमकते उस तारे की तरह है, जो सबसे चमकीला और खूबसूरत है, पर उसका वजूद सिर्फ और सिर्फ आकाश के किसी एक कोने मैं है, ऐसा लगता है, जैसे तुम्हे सबने नकार दिया हो !




आज तुमने जो मुझे सिखाया है मैं उसका जिंदगी भर शुक्रगुजार राहुंगा! तुने शायद मेरी हंसी छीन ली है, पर तेरी कसम, अब तू मुझे रुला नहीं सकती! मैं वापस आऊंगा और तुमने जो किया है उसे वापस भी दूँगा! मैं तेरे सामने ही रहूँगा पर तब शायद तुम चाह के भी मुझ तक नहीं पहुंच पावोगी, ये मेरा तुमसे वादा रहा! तुमने मुझे कुछ करने को कहा है, मैं वो करूँगा, बदलूँगा अपने आप को उस तरह, और वो भी सिर्फ इसलिए कि, तुम्हे बता सकूँ की अगर तुम मेरे साथ ऐसा न भी करती तो भी मैं बदल जाता! मैं अपना वादा जरूर पूरा करूँगा ये मेरा वादा रहा !

कुछ दिनों के लिए मैं किसी भंवर मैं फँस गया था, पर अब शायद उससे बाहर हूँ, मैं अपनी जिंदगी की मंजिलों को भी भूल रहा था, पर धन्यवाद तुम्हारा जो तुमने सही वक्त पर ऐसा किया! अब मैं अपनी मंजिल की तरफ दुगनी तेजी के साथ आगे बढूंगा, और उसे पाने से मुझे कोई नई रोक सकता! क्यूंकि आज मुझे मालूम है, वो उपरवाला मेरे साथ है और वो मुझे अब हारने नहीं देगा, बस कमी होगी तो सिर्फ तुम्हारी, क्यूंकि जो जगह तुम्हारी है, उसे किसी और को नहीं दे सकता! अभी तो जा रहा हूँ, क्यूंकि अब मेरी मंजिल मुझे बुला रही है, बहुतों को मेरी जरूरत है, पर मैं वापस आऊंगा, जरूर आऊंगा, और सिर्फ तेरे लिए ही आऊंगा, ये बताने कि मैं कभी बुरा नहीं था और तब शायद सब कुछ अलग हो ....

मैं वापस आऊंगा, मैं वापस आऊंगा .... .... .... .... जरूर आऊंगा .... .... .... ....


pratik'

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