July 11, 2010

मैं तेरे पास आना चाहता हूँ ....

तू कहाँ है! मैं बहुत परेशान हो गया हूँ, थक गया हूँ, तेरी बहुत याद आ रही है! कुछ महीनो से भागते-दौड़ते हिम्मत टूट सी गयी है, अब तेरी गोद में सिर रखकर सोने का मन हो रहा है! भाग कर, सब कुछ छोडकर, बस तेरे पास आना चाहता हूँ! कई दिनों से ठीक से सोया तक नहीं हूँ! कल रात सपना देखा, “मैं तेरे पास हूँ, तू अपने हाथों से खिला रही है, मेरे सर पे हाथ फेर कर मेरे बालों को संवार रही है, इस बरसते प्यार को मैं अपनी झोली में भर लेना चाहता था, पर अचानक मेरी नींद खुल गयी, अपने आप को अकेला पाया, उदास हुआ, फिर पूरी रात सो नहीं पाया” मुझे तेरे पास आना है, मैं परेशान हो गया हूँ!

मैं कितने दिनों से अकेले इस अनजान शहर में एक-एक दिन काट रहा हूँ! जब से यहाँ आया हूँ, तब से मेरी उलझने बढ़ सी गयी है! कोई सुनने वाला नहीं है, बहुत कुछ बोलना चाहता हूँ, बहुत कुछ कहना चाहता हूँ, पर ....

“माँ” तू कहाँ है! तेरी तरह मेरा ख्याल रखने वाली मेरी खूबसूरत सी परी भी मुझसे रूठ सी गयी है, वो नन्ही सी जान भी मुझसे कई हजार मील दूर है, माँ आज मुझे तेरी बहुत याद आ रही है! माँ, मेरे पास आ जा, अपने सिने से लगा के मुझे अपनी ममता की छावं में थोड़ी देर के लिए छिपा ले! मम्मा अपने स्नेह के चादर से मुझे ढँक कर मुझे पनाह दे दे, मैं सिर्फ तेरे साथ रहना चाहता हूँ, तेरे पास रहना चाहता हूँ! माँ, तेरा ये बच्चा, समझाते-समझाते थक सा गया है, अपने गरिमामयी आँचल से मुझे ठंडक दे दे! माँ मुझे कहीं दूर ले चल, वरना ये दुनिया वाले तेरे बच्चे को जीने नहीं देंगे ....


माँ तेरे हाथ से बने खाने का स्वाद तो जैसे, भूल ही गया हूँ! वो गर्म-गर्म नरम सी फूली-फूली रोटियां, वो राजमे की सब्जी, जब तू अपने ममता और स्नेह की थाली में सजाकर, खुद अपने हाथों से खिलाती थी, मुझे अपने हांथों से पुचकारती थी, तो जैसे पुरे संसार का प्यार मेरे लिए उमड़ पड़ता था, उस असीम एहसास में डूब जाने का जी चाहता है, माँ मैं तेरे पास आना चाहता हूँ .... 
                                                                                       
माँ मैं खो जाना चाहता हूँ, इस जगह से दूर जाना चाहता हूँ, तू बस मेरे पास आ जा! मुझे मेरे बचपन में लेके चल, जहां तू मेरी गलतियों को भी मुशकुरा कर माफ कर देती थी, मेरी ढाल बनकर किसी भी मुशीबत से मुझे दूर रखती थी, दूर खड़े होके मुझे अपने छोटे-छोटे पैरों पे चलता देखती थी, जहाँ तू सिर्फ इसलिए खुश रहती थी, क्यूंकि मैं खुश रहता था! माँ आज वो खुशी, मेरे से रूठ सी गयी है, मुझे वो वापस दिला दे, तू बस! मेरे पास आ जा .... (Missing u Mum)  

pratik'

1 comment:

  1. the picture in this blog is a Chinese symbol for "missing someone"

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