July 7, 2010

Kites .... The Life








मैं पतंग हूँ! हाँ, मैं उड़ना चाहता हूँ, सपनो कि दुनिया से बाहर निकलना चाहता हूँइस नीले आकाश में दूर कहीं खो जाना चाहता हूँ! हाँ, मैं अब जीना चाहता हूँ! 


जिंदगी, एक पतंग कि तरह है, जो तब तक उडती रहती है, हवाओं से खेलते रहती है जबतक उसका दिल चाहे!  हम आकाश को देखते हैं, तो मन में उसे छु लेने कि एक अजीब सी भावना हमे घेरे रखती है! हम एक पतंग कि तरह जिंदगी में उड़ान  भरते हैं, धीरे धीरे उचाईयों को छुते हैं! शुरुआत में हम जब उड़ना सीखते हैं, तो कई बार पतंग बार सही उड़ान नहीं भरने कि वजह से सीधे निचे गिर जाती है! हम दुबारा कोशिश करते हैं, इस बार पिचली बार कि गलतियों को याद रखते हैं और फिर उनसे सबक लेकर फिर से हवाओं के रुख मैं छलांग लगते है, और इस बार पतंग उड़ जाती है ! हम खुश होते हैं, लटाई से धागे अपने आप धीरे धीरे निकलती है, ऊपर और ऊपर !  

पतंग के धागे जीतने मजबूत होते है, पतंग उतनी ही मजबूती के साथ हवाओं के थपेड़ों को झेलते हुए  आसमान में दम लेती है,   जिंदगी में ये धागे हमारे संस्कार होते हैं जो हमे सदा अच्छे उर बुरे वक़्त में हमारे साथ होती है! पतंग हवा में कलाकारी करती है, बादलो कि तरफ, उनसे भी ऊपर उड़ने के लिए दम भरती है, और यह भरोसा उसे इसलिए होता है क्यूँ कि उसे मालूम है कि जिसके भी हाथ में उसकी डोर है वो उसे कटने नहीं देगा! कई बार पतंग सोंचती है कि, इस बंधन से मुक्त होकर आकाश में कहीं दूर चली जाये, पर तभी अचानक उसे ये एहसास  होता कि शायद इससे अलग होने के बाद उसका अस्तित्व ही मिट जाये! 

वो बार-बार जोर-जोर से अलग होने कि कोशिश करता है पर अलग नहीं हो पाता, क्यूंकि शायद जो उसे थामे बैठा है उसे मालूम है कि अगर उसने ये डोर छोड़ दी तो वो कभी भी वापस नही आ पायेगा, और शायद कहीं दूर जाकर किसी पेड़ या तार मैं फंसकर अपना अस्तित्व बर्बाद कर लेगा! वो उसे थामे रखता है, उसे अपने हिसाब से पहले उड़ना और फिर जीना सिखाता है! हमारी जिंदगी में ये मजबूत हाथ हमारे माता -पिता के होते हैं, जो हमे जिन्दगी की शुरुआत में हाथ पकड़कर आगे बढ़ना सिखाते हैं, मुशिबतों से बचाते हैं!


पतंग हवा में अभी भी उड़ रही होती है! तभी कुछ और  पतंग आकाश में आ जाते हैं, कुछ अच्छे जो दुसरे पतंगों के साथ साथ हवा में उड़ते हैं, मजे लेते हैं, चिड़ियों को चिढाते है, पर कभी भी आपस में नहीं झगड़ते, आसमान में अपनी रंग बिरंगी अदाओं से सबका दिल खुश करते हैं, मन बहलाते हैं, अकेलापन दूर करते हैं, ये वो हैं जिन्हें हम दोस्त कहते हैं! ये सदा आपके साथ रहते हैं, भरोसा करते है कि ये कभी आपकी डोर नहीं काटेंगे, आपके साथ रहेंगे!

पर तभी कोई दूसरी पतंग आती है, जिन्हें आपका उड़ना अच्छा नहीं लगता, उन्हें देख कर बाकी पतंगे सहम से जाती है, कुछ वापस तो कुछ उनसे दूर भागने कि कोशिश करती हैं! जो भी उनके चपेट में आता है, वो उन्हें उनकी डोर से अलग कर देते है, कहीं दूर जाने को मजबूर करते हैं, आकाश में जैसे चूहे बिल्ली कि जैसी दौड़ सी मच जाती है, ये वो है जो जिंदगी में एक रुकावट कि तरह होते है, जिन्हें आपका बढ़ना, आपका उड़ना, अच्छा नहीं लगता! 
पतंग को डर लगता है पर फिर भी वो लडाके के सामने उड़ता रहता है, लड़ाका उसे बार-बार भाग जाने कि धमकी देता है, पर पतंग डट कर उडता है, उससे टकरता है और उसे धमकता है, लडाका हारकर भाग जाता है या फिर पतंग से टकराकर, कटकर कहीं दूर खो जाता है! जिंदगी में भी हम कुछ इसी तरह के दावं-पेच लड़ाते हैं, साहस से मुश्किलों का सामना करते हैं और अपनी उडान पूरी करते है! लड़ाके पतंग कि तरह हमे भी कई लोग मिलते है जो हमे रोकते है, मुश्किलें पैदा करते हैं, पर हम अगर ना डरे, उपरवाले पे भरोसा रखे तो सब ठीक होता है, हम भी पतंग कि तरह कामयाब होते हैं!

पतंग आकाश मैं देर तक उड़ते रहता है, वो एक के बाद एक उड़न भरता है, आगे बढ़ता है और ....

To be Continued ....


pratik'

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