July 9, 2010

Love, Friendship, Trust & Forgive


जब कोई बात बिगड जाये, जब कोई मुश्किल पड़ जाये, तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा ! न कोई है, न कोई था, जिंदगी मैं तुम्हारे सिवा, तुम देना साथ मेरा ओ हमनवा !


प्यार वो आधार होता है जिसके सहारे हम अपनी पूरी जिंदगी गुजार लेते हैं ! ये वो अनमोल इकाई है, जो हमे दूसरों से बांधे रखता है! प्यार वो एहसास है जिससे शब्दों में बयां नहीं कर सकते! यह अद्भुत है, सुन्दर है, बहुमूल्य है, यह अविरल है! यह एक दूसरे के प्रती निष्ठा और विश्वास का प्रतीक है! जहां प्यार होता है वहाँ तकरार भी होता है! तकरार यह दिखाता है कि तुम्हारा प्यार 
कितना गहरा है!

In any field of activity, conflict might arise. When they arise, be indifferent to them. That is the indication that your love is strong. You know, when you see the intention behind a mistake as right, the mistakes doesn’t bother you. Because when they are doing good things with good intention and the action has gone wrong, then you don’t mind that Pram Pujya Shri Shri Rvishankar Ji (Guruji). 


गुरूजी ने ठीक ही कहा है, हम अगर किसी की भलाई के लिए, कुछ अच्छा करने के लिए अगर गलत तरीके का सहरा लें या गलत हो तो उसके पीछे छिपी उसकी मंशा को देखे न की उसके तरीके को! जो इंसान तुम्हे प्यार करता है, वो चाह के भी तुम्हारे लिए बुरा नहीं सोंचेगा, बुरा नहीं बोलेगा, वो तो बस तुम्हे चाहता है, और तुम्हे ये समझना चाहिए कि उस इंसान के ऐसा करने के पीछे उसकी क्या मंशा थी, उसके ऐसा करने से तुम्हे क्या मिला! वो तो तेरी खुशी के लिए, तेरी सिर्फ एक मुश्कान के लिए शायद कुछ भी करे, शायद कहीं वो गलत भी हो, पर तुम्हे तो समझना चाहिए, की उसने ऐसा सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए किया! अगर वो कोई बात करता है, जो तुम्हे बुरी लगे, ये जरूरी नहीं है की उसने ये जानबूझ के किया हो, हो सकता है, वो भी तुमसे वो चीज ना चाहता हो, पर उसने उसे बताने के गलत तरीके से बोला हो, कम से कम तुम्हे तो ये समझना चाहिए क्यूंकि तुम शायद उसकी दोस्त हो, उसकी पत्नी हो, उसकी बहन हो! अगर तुम किसी रिश्ते को निभाना चाहते हो, चाहे वो, दोस्ती का हो, प्यार का हो, भाई-बहन का हो, तुम्हे समझना चाहिए, जो तुम्हे प्यार करता है, वो तुम्हारा दिल कभी भी जानबूझकर नहीं दुखायेगा!


यह सिर्फ इस तरह है कि, कोई डॉक्टर अपने मरीज को बचाना चाहता है, पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाती है, हम डॉक्टर को गलत नहीं कह सकते क्यंकि उसकी मंशा गलत नहीं थी! इसी तरह एक पति अपनी पत्नी से, एक दोस्त अपने दोस्त से झूठ क्यूँ बोलता है ताकि वो जिससे प्यार करता है, वो कही रूठकर उससे दूर ना चली जाये, उसे डर होता है कहीं वो उसे खो न दे! बस एक यही वजह होती है कि वो कुछ अलग तरीके से बोलता है, क्यूंकि तुम ही वो एक इंसान हो, जिसे शायद वो जानता है की, वो उसको समझेगी! इसमें गलत सिर्फ बोलने का तरीका होता है ना कि, वो इंसान और उसकी मंशा! वो अपनी भूल मानने को भी तैयार है, बस तुम्हे उसके किये हुए गलतियों के पीछे की मंशा को देखना चाहिए, ना की उसके भूल को! किसी भी रिश्ते की बुनियाद प्यार और भरोसा ही होते है, तुम्हे भरोसा करना चाहिए, कम से कम प्यार के नाते!

किसी भी इंसान के लिए सबसे बुरा दिन वो होता है, जब कोई अपना उससे रूठकर कहीं दूर चला जाये! पर, उस इंसान को रूठने से पहले कम से कम एक बार तो रुक कर ये जानने की कोशिश तो करनी चाहिए की उसने ऐसा क्यूँ किया! शायद उसने ऐसा सिर्फ तेरा प्यार पाने के लिए किया हो, इसमें उसकी गलती क्या है ? वो बेचारा तो सिर्फ तेरे सपने संजोये, तेरी दोस्ती और भरोसे को पाना चाहता है, अगर उसने कहीं गलत तरीके से कुछ कह भी दिया, तो कम से कम एक दोस्त के नाते तुम्हे तो समझना चाहिए, उसपे भरोसा करना चाहिए!

हाँ, मैं सिर्फ प्यार के लिए जीता हूँ, नहीं चाहिए मुझे धन दौलत, नहीं चाहिए ऐसो आराम, मुझे तो बस तेरा भरोसा चाहिए, तेरा दोस्ती चाहिए और कुछ नहीं ! 

Appreciated by Blog of Sri Sri Ravi Shankar Ji [blog - Faith is to love something you have no idea about.]
       pratik'



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